Wednesday, April 27, 2011

बदल गया

बहुत समय से मैं , ब्लॉग से गायब हो गई थी , बजह कुछ खास नहीं , बस यूँ ही मन विरक्त सा हो गया था . आज भी वही रोना रोया जा रहा है , कहीं बलात्कार हो रहे है , कहीं लूट हो रही है , अब , एक महिला खिलाडी को रेल से फैंक दिया गया , बेचारी पैर भी गवां बैठी , लेकिन सरकार ने कह दिया - आत्म हत्या का केस है . 
लाखों करोड़ों का घोटाला  करने वाले लोग , अब जनता के सामने उल्लू बनाये जा रहे हैं क्योंकि जनता हिसाब मांगने लगी है .एक दिन था जब , बाबा के कारनामों को फर्जी कहा जा रहा था , अब जब , बेचारे समाधिस्थ हो गए  तब उनका गुणगान करते नहीं अघा रहे हैं , पूरा देश ही शोक मग्न हो गया , अभी तक कोई चर्चा भी नहीं थी . हम जाने कब सुधर पाएंगे ?
करोड़ों के राज पाट को सभांलने के लिए अब , उत्तराधिकारी खोजा जा रहा है , लेकिन एक अपाहिज लड़की के लिए सरकार के पास सुरक्षा भी नहीं है , आज सब कुछ पैसे से तौला जा रहा है , राजनीति करने वाले सभी मतभेदों को भुलाकर भाग दौड़ कर रहे हैं , एक दिन मैं करोडपति बनने का सपना देखने वाले अपहरण करने वाले बच्चों को उठा रहे हैं , नाबालिग बेटियां हवस का शिकार बने जा रहीं हैं , कुछ भी तो नहीं बदला ?
सब कुछ यथावत है . पी एम् साब !!!  अब तो एक नज़र डालिए , आपके राज्य मैं कितने लोग भूखे -नंगे हैं , अभी भी , बच्चे पन्निया बीन रहे हैं , गाड़ियाँ साफ़ कर रहे हैं , स्टेशन पर फैंका हुआ गन्दा खाना खाकर पेट भर रहे हैं , और आपका रेलवे , जहाँ से भी लाइन गुजरती है , जंगलों मैं कचरा फैंक कर सफाई अभियान को बदरंग कर रहे हैं , कभी रेल का सफ़र भी करिए .
देखिये तो सही  , कैसे रोज एक आम आदमी जीता है इस बद इन्तजामी में अब क्या कहूँ ? कुछ भी नहीं बदला .
रेनू शर्मा ... .

5 comments:

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (28-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सार्थक बात

Anupama Tripathi said...

दुखी रहने का सामान मत एकत्रित करो -
खुश रहने के बहाने ढूंढो ....
वैसे आपने बात तो सही लिखी है ..कुछ भी नहीं बदला .....थोडा हमें अपना नज़रिया ही बदलना होगा -खुश रहने के लिए ...वर्ना आसपास तो बस दुखी करने का माहौल है ....!!

Kailash Sharma said...

बहुत सटीक और सार्थक टिप्पणी..

संजय भास्‍कर said...

आपने बात तो सही लिखी है