Wednesday, July 23, 2008

जीवन-मृत्यु

बचपनजीवन को जानने की जिज्ञासा ,
एक निरंतर प्रक्रिया ।
एक मुट्ठी आसमाँ
सुख की अनुभूति
एक कागज़ का टुकडा भी
एक पूर्ण संतुष्टि ।
जवानी
जीवन को जीने की भूख
एक असफल प्रयास ।
भौतिक आसमाँ की प्राप्ति
सुख की अनुभूति
कागज़ के टुकड़े के हाथों
सवयं एक खिलौना ,
क्षणिक संतुष्टि ।
बुढापा ,
भय ,
मृत्यु से समीपता का ।
मृत्यु को जानने की उत्कंठ अभिलाषा
सतत् सत्य ।
क्षितिज के पार
झाँकने का मन
सवयं की सीमितता का अहसास
असीम की परिकल्पना
असंतुष्टि ।
- विमल शर्मा

1 comment:

Ajay Kumar Singh said...

Unbelievable....Amaizing poem....