Monday, July 28, 2008

खौफ का तांडव

कितनी बार हम इंसानियत के रक्तपात का तमाशा देखते रहेंगे ?
जीवन को जीने की लालसा लिए इन्सान जाने कितनी बार मरता है ,
मृत्यु का भय उसे जीने नही देता ।
हर दिन उम्र के साथ वह काल के समीप ही तो जाता रहता है ,
रोटी ,कपड़े और छत के लिए प्रयत्न करता रहता है ,फ़िर क्यों ??
उसके पीछे परमाणु छोड़ दिए जाते हैं ,
जिन लोगों को अपना अलग रास्ता बनाना है वे सीधे बात - चीत कर लें ,
मार काट क्यों ?
यह दुनिया ,अपने स्तर को ऊँचाइयाँ देने के लिए है , न कि मानवता का नाश करने के लिए ।
दया भाव रखना चाहिए , भेद - भाव मत करिए , परम शातिवान उस ईश्वर से हमें डरना चाहिए ।
रेनू शर्मा

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