tag:blogger.com,1999:blog-5151363463195786601.post6788163915288877933..comments2023-03-26T04:42:15.236-07:00Comments on कठपुतली: आतंक का राक्षसRenu Sharmahttp://www.blogger.com/profile/07005735117071191731noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5151363463195786601.post-17674274785711777522009-04-09T01:45:00.000-07:002009-04-09T01:45:00.000-07:00सुन्दर लिखा है.........पर यह तो प्रकृति का नियम है...सुन्दर लिखा है.........<BR/>पर यह तो प्रकृति का नियम है........उत्पत्ति का अंत तोनिश्चित है.........प्रगति इंसान को राक्षस प्रवृति की तरफ ले जायेगी और फिर उसका अंत होगा.......श्रृष्टि का यह अनावत चक्र चलता रहेगादिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5151363463195786601.post-3160494452279046722009-04-06T17:27:00.000-07:002009-04-06T17:27:00.000-07:00अच्छा लिखा है ...पृथ्वी के देवताओ अब , जाग जाओ । ...अच्छा लिखा है ...<BR/>पृथ्वी के देवताओ अब , जाग जाओ । सत्य , सृष्टि और सृजन की आन , बान , शान बनाये रखने के लिए तीसरा नेत्र खोलने का प्रयास करो । <BR/>सही कहा ...संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5151363463195786601.post-39500829969473055012009-04-06T06:15:00.000-07:002009-04-06T06:15:00.000-07:00प्रिय मित्रसादर अभिवादनआपके ब्लाग पर रचनाएं पढ़कर ह...प्रिय मित्र<BR/>सादर अभिवादन<BR/>आपके ब्लाग पर रचनाएं पढ़कर हार्दिक प्रसन्नता हुई। आप इन्हें प्रकाशित कराने के लिए अवश्य ही भेजं। यदि पत्रिकाओं की समीक्षा के साथ साथ उनके पते भी चाहिए हो तो मेरे ब्लाग पर अवश्य ही पधारें। आप निराश नहीं होंगे।<BR/>अखिलेश शुक्ल् <BR/>http://katha-chakra.blogspot.comअखिलेश शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/15550022760896923056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5151363463195786601.post-86708760021476596272009-04-06T05:47:00.000-07:002009-04-06T05:47:00.000-07:00शब्दों में बल है। लिखती रहें! कोई तो आपकी सुनकर ती...शब्दों में बल है। लिखती रहें! कोई तो आपकी सुनकर तीसरा नेत्र खोलेगा!Anil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06680189239008360541noreply@blogger.com